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भारतीय साइबर अपराध समन्वय क्रेंद्र (I4C) के नाम पर लोगों को बनाया जा रहा हैं शिकार, जानिए क्या है वायरल पत्र का सच?

- सोशल मीडिया में वायरल हो रहा मैसेज
- पीआईबी ने किया फैक्ट चैक
- भाम्रक खबरों पर भरोसा न करें
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंटरनेट की दुनिया में लोगों से ठगी करने के मकसद से सोशल मीडिया पर सरकार और उनकी योजनाओं से जुड़े कई फर्जी मैसेज और खबरें आए दिन वायरल होते रहते हैं। हाल ही में, सोशल मीडिया पर लोगों के पास भारतीय साइबर अपराध समन्वय क्रेंद्र (I4C) के नाम पर एक पत्र शेयर किया जा रहा हैं। (I4C) की तरफ से जारी इस पत्र में कथित तौर पर प्राप्तकर्ता पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही, इन आरोपों के बदले में लोगों से जवाब भी मांगा गया है।
पीआईबी ने किया फैक्ट चेक
पीआईबी ने वायरल पत्र की पड़ताल की तो पाया कि वायरल भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के पत्र में किए गए दावें फर्जी हैं। इस बात की जानकारी पीआईबी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट में एक ट्विट के जरिए शेयर की। जिसमें उन्होंने वायरल पत्र के फेक होने की पुष्टी की है। पीआईबी ने अपने ट्विट में लिखा कि (I4C) के नाम पर वायरल हो रहे पत्र में प्राप्तकर्ता पर लगाए गए आरोपों के बदले में उनसे जवाब मांगा जा रहा है वो पत्र फर्जी है।
साथ ही पीआईबी ने बताया कि भारत सरकार के अतंर्गत ऐसा कोई भी पत्र जारी नही किया गया है। पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में लोगों से इस पत्र पर विश्वास न करने की अपील भी की है।
कथित रूप से भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा जारी किए गए एक पत्र के माध्यम से प्राप्तकर्ता पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं और पत्र का जवाब देने की भी मांग की जा रही है।#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 11, 2023
✅यह पत्र फ़र्ज़ी है
✅भारत सरकार के तहत किसी भी संस्था ने ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा है pic.twitter.com/37iRSWFqWN
Created On :   11 Aug 2023 11:15 PM IST